Devaranya scheme : देवारण्य योजना की शुरुवात मध्य प्रदेश ने की थी क्योंकि मध्य प्रदेश राज्य में करीब 31% वन अच्छादित क्षेत्र है जो पूरे देश का 12.27 % क्षेत्र है इसलिए मध्य प्रदेश में वन में पाई जाने वाली औषधी उत्पादन की अपार संभावनाएं है इसी कारण से इस योजना की शुरुवात की गई । मध्य प्रदेश अपने सघन और प्रचुर जैव विविधता के लिए जाना जाता है । भारत में प्राचीन काल से परंपरागत तरीके से औषधी और सुगंधित पौधो द्वारा इलाज चला आ रहा है । कोविड जैसी बीमारियों से लड़ने में यह औषधी रामबाण की तरह कार्य करेगी इसलिए जरूरी है भारत जैसे देश को अपने परंपरागत इलाज की तरफ ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है । इसके लिए हमे ज्यादा से ज्यादा औषधी उत्पादन और अन्वेषण की आवश्यकता है ताकि हम औषधी का प्रयोग करके नई नई बीमारी का इलाज जल्द से जल्द ढूंढ सके । मध्य प्रदेश औषधी वाले पौधों के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण रखता है । इसलिए मध्य प्रदेश में देवारण्य योजना की शुरुवात की गई ताकि हम ज्यादा से ज्यादा औषधी वाले पौधों का उत्पादन कर सके ।
देवारण्य योजना ( Devaranya scheme ) के तहत राज्य में 7000 हजार हेक्टेयर में औषधी वाले पौधों का उत्पादन किया जायेगा साथ ही इससे 51 प्रकार की औषधी का उत्पादन किया जाएगा ताकि आयुष पद्धति को बढ़ावा मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार एक वैल्यू चैन का निर्माण करेगी ताकि आयुष औषधी को बड़ावा मिल सके । इसके लिए वह राज्य के आदिवासी समाज का साथ लेगी क्योंकि आदिवासी वर्ग आज भी इन औषधी से जुड़ी जानकारी रखता है । यह आदिवासी वर्ग के लोग स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सरकार की आयुष पद्धति विकसित करने में मदद करेगी । मध्य प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है ताकि मध्य प्रदेश आयुष चिकित्सा का हब बन सके ।
मध्य प्रदेश की देवारण्य योजना
What is Devaranya scheme ?
देवारण्य योजना ( Devaranya scheme ) की शुरुवात साल 2021 में मध्य प्रदेश सरकार ने की । इस योजना को आयुष मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है इस योजना के तहत आयुष पद्धति में उपयोग होने वाली सभी औषधी का उत्पादन करना साथ ही इससे संबंधित इलाज का अन्वेषण करना इस योजना का उद्देश्य है । इस योजना में मध्य प्रदेश के आदिवासी समाज की मदद ली जायेगी ताकि इस योजना को कारगर बना सके । इसके लिए स्वयं सहायता समूह की भी मदद ली जायेगी ताकि लोग इससे जुड़ कर मध्य प्रदेश सरकार की मदद कर सके इससे दोनो वर्गो को फायदा होगा इससे आदिवासी समाज की आय में बद्दोत्तरी होगी और उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी ।
देवारण्य योजना का उद्देश्य
( Objective of Devaranya scheme )
- मध्य प्रदेश में औषधी पौधों के उत्पादन के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की पहचान करना और सुनियोजित तरीके से उत्पादन करना ।
- मध्य प्रदेश राज्य के वे क्षेत्र जिनमे आदिवासी समाज ज्यादा है उन समाज की पहचान कर वहां पाए जाने वाले औषधीय पौधों का संरक्षण करना साथ ही इसका उत्पादन और विपणन करना ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके ।
- औषधी उत्पादन करने वाले किसानों को बाजार में उनकी औषधी का उचित मूल्य दिलवाना ताकि वह इस कार्य को छोड़ न दे ।
- मध्य प्रदेश में औषधी वाले पौधों का वैज्ञानिक तरीके से धारणीय दोहन और संग्रहण प्रणाली का विकास करना ।।
- क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन , स्वयं सहायता समूह , कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से आदिवासी किसानों को औषधी की खेती से जोड़कर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करना ।
- इस योजना की मदद से औषधी उत्पादन कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्यात को बढ़ावा देना इसके लिए फार्म उद्योग को बढ़ावा देना ।
- इस योजना की मदद से कॉस्मेटिक उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना से जैविक खाद्य को बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना की मदद से परंपरागत तरीके से चली आ रही खेती को छोड़कर नए पैटर्न की खेती को बढ़ावा देना ताकि अधिशेष उत्पादन हो सके और इससे निर्यात को बढ़ावा मिल सके ।
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा ओर भी योजना बनाना ताकि निर्यात को बढावा मिल सके ।
- इस योजना से दवा उद्योग में इस्तमाल होने वाली औषधी का निर्माण होगा जिससे किसानों को इन कंपनी से जोड़ कर कृषक वर्ग की आय में वृद्धि की जाएगी ।
- इस योजना की मदद से आयुष मंत्रालय इन औषधी पर रिसर्च करेगा जिससे इनको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणीकृत में बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना की मदद से ऑर्गेनिक और कॉस्मेटिक उत्पाद के लिए मानक तैयार किए जायेंगे ।
- इससे चिक्तिसा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना की मदद से प्रशिक्षण केंद्र , अनुसंधान केन्द्र आदि की स्थापना करना ।
- इस योजना की मदद से स्वास्थ्य विभाग और आयुष विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया जायेगा ।
- आयुष मंत्रालय का कौशल विकास करना ।
देवारण्य योजना के लाभ और विशेषता
( advantage of Devaranya scheme )
- इस योजना के माध्यम से आयुष पद्धति को बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना की मदद आदिवासी किसानों की आय में वृद्धि होगी ।
- इस योजना से भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं सस्ती होंगी ।
- इससे परंपरागत चिकित्सा ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा जिससे नई नई बीमारी का इलाज जल्द से जल्द हो सकेगा ।
- देवारण्य योजना ( Devaranya scheme )से किसानों द्वारा अधिशेष उत्पादन कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा ।
- इस योजना की मदद से बेरोजगारी दर में कमी आयेगी और नए नए रोजगार पैदा होंगे ।
- इससे युवा वर्ग इस क्षेत्र में रुचि रखेगा जिससे देश में चल रही बेरोजगारी की दर कम होगी और कृषि के प्रति झुकाव को बढ़ावा मिलेगा ।
- समाज में फैली कई बीमारियो का इलाज आयुष पद्धति से आसानी से हो जाएगा ।
- खतरनाक बीमारी के क्षेत्र में अनुसंधान होगा जिससे उनकी दवा प्राप्त हो जायेगी ।
- इस पद्धति के कोई साइड इफेक्ट्स नही है जिससे इस पद्धति को बढ़ावा मिलेगा ।
- सरकार द्वारा इस योजना में 1000 करोड़ से ऊपर रुपए खर्च किए जायेंगे।
- इस योजना में 51 से लेकर 112 प्रकार की औषधी का उत्पादन किया जायेगा ।
- यह सारी औषधी भारत जैसे देशों में रामबाण की तरह काम करेगी जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा ।
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देवारण्य योजना के लिए पात्रता
Devaranya scheme eligibility
- आवेदक मध्य प्रदेश का नागरिक होना चाहिए ।
- आवेदक अनुसूचित जाति और जन जाति वर्ग का होना चाहिए अगर नही है तो वह एक अच्छा औषधी का जानकर होना चाहिए ।
- स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना चाहिए जो इस फील्ड में कार्य कर रही है पर वह मध्य प्रदेश की होनी चाहिए ।
- आवेदक औषधी पौधों का जानकर होना चाहिए साथ ही वह कृषक वर्ग से संबंध रखता हो ।
- आवेदक खेती से संबधित जानकारी रखता हो तभी इस योजना का लाभ ले सकता है ।
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देवारण्य योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
Document of Devaranya scheme
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाता संख्या
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो
- भूमि के कागज
- मोबाइल नंबर
- मनरेगा कार्ड
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देवारण्य योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया
Process of Devaranya scheme
- इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपने जिले के आयुष विभाग में जाना होगा ।
- वहां पर आपको देवारण्य योजना का फॉर्म लेना होगा ।
- इसके बाद आपको इस फॉर्म में दी गई जानकारी जैसे आपका नाम , जाति , नंबर , कितने साल से जुड़े हो आदि जानकारी इस फार्म में भरनी होगी ।
- इसके बाद फॉर्म में दिए गई सारी जानकारी के लिए एक एक दस्तावेज और फॉर्म कार्यालय में जमा कराना होगा ।
- इसके बाद एक समिति का गठन होगा जिसमे सीएमओ अधिकारी आपके फॉर्म की जांच करेंगे और हो सकता है आपके गांव या जिस जगह आप रहते है वहां आकर इससे जुड़ी जानकारी का सत्यापन करे ।
- अगर सारी जानकारी सही निकली तो इस योजना से जुड़ा लाभ आपको प्राप्त हो जायेगा ।
देवारण्य योजना ( Devaranya scheme ) से संबधित जानकारी हमने आपको दे दी है अगर आप अब भी और कोई जानकारी हमसे चाहते है तो हमे मेल कर सकते है हम इस योजना से जुड़ी और जनाकरी आपको दे देंगे । अगर इस आर्टिकल में कोई त्रुटि पाई जाती है तो आप हमे बता सकते है हम उस गलती को जल्द से जल्द सुधार कर देंगे । हमारा आर्टिकल पढ़ने के लिए और हमसे जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद । मैं आशा करता हु कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी । इस तरह के ओर आर्टिकल पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहे ताकि हम सरकार द्वारा चालू की गई नई नई योजना आप तक ला सके । धन्यवाद .
अधिक जानकारी के लिए इस पर क्लिक करें –
https://deveranya.mp.gov.in/about-us
FAQ:-
प्रश्न: देवारण्य योजना कब शुरू की गई थी ?
उत्तर: देवारण्य योजना की शुरुवात साल 2021 में की गई थी ।
प्रश्न: देवारण्य योजना किस राज्य की योजना है ?
उत्तर: देवारण्य योजना ( Devaranya scheme ) मध्य प्रदेश राज्य ने शुरू की है जिसे अगस्त 2021 में शुरू किया गया था ।
प्रश्न: मध्य प्रदेश की देवारण्य योजना का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर: इस योजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश में आयुष पद्धति को बढ़ावा देने के लिए औषधी पौधों का उत्पादन बढ़ाना और इससे जुड़े अनुसंधान करना ।
प्रश्न: मध्य प्रदेश में चल रही देवारण्य योजना में क्या लाभ मिलेगा ?
उत्तर: इस योजना के तहत आदिवासी किसानों को 2 से 3 लाख की आय में बद्दोत्तरी होगी उसके लिए मध्य प्रदेश सरकार उन किसानों को प्रशिक्षण देगी साथ ही विपणन में उनकी मदद करेगी ।
प्रश्न: देवारण्य योजना में आवेदन कैसे करें ?
उत्तर: देवारण्य योजना ( Devaranya scheme ) में आवेदन करने के लिए आपको अपने जिले के आयुष विभाग में जाना होगा और वहां जाकर आपको इस योजना का फॉर्म भरना होगा ।